tag:blogger.com,1999:blog-1637756910988467150.post8435124700479532159..comments2022-04-02T09:27:04.194-07:00Comments on Hindi Urdu English Poetry: कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता हैUnknownnoreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1637756910988467150.post-76541137584143118682011-04-17T21:38:25.547-07:002011-04-17T21:38:25.547-07:00खोई कविता को फिर से खोज लिया |
साफ सुथरा और फिर से...खोई कविता को फिर से खोज लिया |<br />साफ सुथरा और फिर से जग मग दिया |<br />युवा मन को फिर से ताज़ा कर दिया |<br />प्रतिभा के बल को फिर से दिखा दिया |<br /> -------- इन्द्र हवनPappu Parihar Bundelkhandihttps://www.blogger.com/profile/13934759486607689788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1637756910988467150.post-532338792702978762010-08-02T06:42:28.173-07:002010-08-02T06:42:28.173-07:00good poem, well donegood poem, well doneVipin Kumarhttps://www.blogger.com/profile/13628297949573899422noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1637756910988467150.post-23895507397860771562010-01-27T14:55:37.010-08:002010-01-27T14:55:37.010-08:00कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की ब...कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है<br />मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है<br />मै तुझसे दूर कैसा हू तू मुझसे दूर कैसी है<br />ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है<br />मोहबत्त एक अहसासों की पावन सी कहानी है<br />कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है<br />यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूं है<br />जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है<br />मै जब भी तेज़ चलता हू नज़ारे छूट जाते है<br />कोई जब रूप गढ़ता हू तो सांचे टूट जाते है<br />मै हँसता हू तो अक्सर लोग मुझसे रूठ जाते है<br />समंदर पीर का अन्दर लेकिन रो नहीं सकता<br />ये आसूं प्यार का मोती इसको खो नहीं सकता<br />मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले<br />जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता<br />भ्रमर कोई कुम्दनी पर मचल बैठा तो हंगामा<br />हमारे दिल कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा<br />अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोह्बत्त का<br />मै किस्से को हक्कीकत में बदल बैठा तो हंगामा<br />बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेडे सह नहीं पाया<br />हवाओं के इशारों पर मगर मै बह नहीं पाया<br />अधूरा अनसुना ही रह गया ये प्यार का किस्सा<br />कभी तू सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पायाsrijanhttps://www.blogger.com/profile/01818595618080823199noreply@blogger.com