भारतीय गणतंत्र का ६० वें वर्ष में प्रवेश

भारतीय गणतंत्र का ६० वें वर्ष में प्रवेश
हम भारत के लोग,
भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व - सम्पन
समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए,
तथा उसके समस्त नागरिकों को:

सामजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार अभिवयक्ति, विश्वास, धर्मं
और उपासना की स्वतंत्रा, प्रतिष्ठा और अवसर की समता
प्राप्त कराने के लिए,
तथा उन सब में
व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता
सुनिशिष्ट करने वाली बंधुता बढाने के लिए

द्रढ़संकल्प होकर...
इस संविधान को
अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करतें हैं.


संविधान के आदर्शों के प्रति
आइये, हम सब आज फ़िर संकल्प लें.

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