पांच-चार उंगली एक अंगूठा



हमारे हाथों की उँगलियाँ हमें संगठन,समता,जुगत और चोकसी जैसे कई गुण सिखाती हैं



एक अकेली उंगली बेचारी
कितना ही करे प्रयास
उठा पायेगी बोझा जरा भी
हो जाएगी निराश|
लेकिन पांचो उंगली जुड़कर,
थाम लें यह आकाश|
हुआ क्या मतलब इसका?
संगठन मतलब इसका|

हाथ में पांच यह उंगली देखो
सबकी हैं अलग दिशायें
देखो अंगूठे जी इधर गये तो
कन्नी जी उधर को जायें|
लेकिन सही इशारा पाकर ,
पाँचों एक दिशा में आकर
एक मुठी बन जायें|
जुगत है मतलब इसका!

हाथ में रेता हो,ढीली हो मुठी तो
रेता गिरेगा,उंगली के छेदों से,
दायें से बायें से,धीरे-धीरे झरेगा|
लेकिन कसी होगी मुठी बराबर,
तो रेता आये जरा-भी बाहर|
मुठी में ही रहेगा |
चोकसी मतलब इसका|

देखो अंगूठा है
छोटा-सा मोटा-सा
बीच की उंगली बड़ी है,
अगल की उंगली है
जरा-सी छोटी
बगल की थोड़ी-बड़ी है|
नन्ही-सी मुन्नी-सी
को भी मिलाया तो,
पाँचों को आपस में
एक बनाया तो,
मुठी बनके अड़ी है|
है समता मतलब इसका|

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