नन्ही आँखों के घेरे में आदर्श माँ -बाप

रात और दिन दो नन्ही आँखे देखे तुझको |
तेरे हर एक शब्द पर उसके कान लगे हैं
उसके छोटे हाथ चाहे तुझ सा करना
ख्वाबों में भी देखें वो तुझ सा ही बनना
सबसे बुद्धिमान तुम उसके आदर्श बने हो
रत्ती भर संदेह नहीं है उसको तुझ पर
भक्तिभाव से करता वो विश्वास है तुझी पर
तेरी कथनी-करनी ही स्वर है उस पर
तुझ-सा गर वो कहे -करेगा
तभी तो बन पायेगा तुझ सा
आश्चर्यचकित वो नन्हा -मुन्ना
करे अटूट विश्वास हे तुझ पर...

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