बच्चों से बातें करना
वेद पुराण उपनिषद का पढ़ना.
दिल की कहना दिल की सुनना
उन्मुक्त निडर नदिया सा बहना.
दुनिया को पैरों में रखना
पैरों को सर पर रख लेना,
सर को फिर ज़मीन पर रख कर
एक कलाबाज़ी खा जाना.
गोल गोल दुनिया के चक्कर
अपनी दुनिया अलग बसाना
बच्चों ने बचपन से जाना.
ज़रा ग़ौर से देखें हम जो
बच्चों की नन्हीं दुनिया को
सहज भाव से भरी हुई है.
प्रेम सहज है, क्रोध सहज है
जीवन का हर छन्द सहज है
प्रीत का एक धागा ऐसा है
रोते रोते वो हँस पड़ता.
बच्चों के भावों में खोजें
एक अलौकिक ज्ञान मिलेगा
कर्ता-कर्म का द्वंद्व न होगा
पल पल का विस्तार मिलेगा.
हम सब भी तो बच्चे ही थे
इसी भाव में रचे बसे थे
फिर हमको क्या हो जाता है
वो बच्चा क्यों खो जाता है.
तत्व प्रश्न जीवन का यह है
इसका उत्तर कठिन है मिलना
बच्चों से बातें करना
वेद पुराण उपनिषद का पढ़ना.
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