कभी किताबों में फूल रखना

कभी किताबों में फूल रखना
कभी दरख़्तों पे नाम लिखना
हमें भी है याद आज तक वो
नज़र से हर्फ़-ए-सलाम लिखना

[daraKht=tree; harf=letter (as in alphabet)]

वो चाँद चेहरे वो बहकी बातें
सुलगते दिन थे महकती रातें
वो छोटे-छोटे से काग़ज़ों पर
मुहब्बतों के पयाम लिखना

[payaam=message]


गुलाब चेहरों से दिल लगाना
वो चुपके चुपके नज़र मिलाना
वो आरज़ूओं के ख़्वाब बुनना
वो क़िस्सा-ए-नातमाम लिखना

[qissaa=tale/story; naatamaam=unfinished]

मेरे नगर की हसीं फ़ज़ाओ
कहीं जो उन के निशान पाओ
तो पूछना ये कहाँ बसे हो
कहाँ हैं उन का क़याम लिखना

गई रुतों में "दीवाने" हमारा
बस एक ही तो ये मशग़ला था
किसी के चेहरे को सुबह कहना
किसी की ज़ुल्फ़ों को शाम लिखना


[mashaGalaa=preoccupation]

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