कुछ अनकही बातें


कुछ अनकही बातें सब जानी पहचानी लगती है
तुझसे मेरी मुलाकात पूरानी सी लगती हैं

लगता है तू साथ था मेरे कई जन्मो से
उन किस्से कहानियो में अपनी कहानी सी लगती है
तुझसे मेरी मुलाकात----------------

देखू जो कहीं नज़र उठाके इस चमन को मैं
हर ज़र्रे में तेरी कहानी सी लगती है
तुझसे मेरी मुलाकात----------------

करें जो बात धडकनों की अपनी
तो तेरे मिलने के बाद ये भी बेगानी सी लगती है
तुझसे मेरी मुलाकात-----------------

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