शब्द,
श्रमा के भाव-भरे
अंत तक,
प्यार दिला जाते हैं |
शब्द
कोमल स्नेह भरे,
दिलों में,
प्रीत बढा जाते हैं |
शब्द,
क्रोध-भरे,
कितने विषैले,
नाग से डस जाते हैं |
शब्द,
तीखे बाण से,
चुभ जाता है तीखापन,
स्नेह सरोवर,
सुखा जाते हैं |
शब्द,
कितने फौलादी,
साहस,आत्मविश्वास-भरे,
क्रान्ति कर जाते हैं |
शब्द,
कितने कोमल,
कितने मीठे,
कितने विषैले,
कितने तीखे,
कितने फौलादी.....
श्रमा के भाव-भरे
अंत तक,
प्यार दिला जाते हैं |
शब्द
कोमल स्नेह भरे,
दिलों में,
प्रीत बढा जाते हैं |
शब्द,
क्रोध-भरे,
कितने विषैले,
नाग से डस जाते हैं |
शब्द,
तीखे बाण से,
चुभ जाता है तीखापन,
स्नेह सरोवर,
सुखा जाते हैं |
शब्द,
कितने फौलादी,
साहस,आत्मविश्वास-भरे,
क्रान्ति कर जाते हैं |
शब्द,
कितने कोमल,
कितने मीठे,
कितने विषैले,
कितने तीखे,
कितने फौलादी.....