चेहरा...


लो फिर याद गया तुम्हारा सलोना चेहरा |
याद आते ही तुम्हारी,खिल उठा मन मेरा||
चाहता है दिल मेरा देखता रहूँ बस तुझे |
बस तुम यह अधिकार दे दो मुझे||
तुम्हारी एक झलक से दिल प्रसन्नता से भर जाता |
तुम्हे देखते रहने से भला बताओ तुम्हारा क्या जाता ||


गर एक नज़र तुम भी देख लो इधर मुझे|
तो मैं समझूंगा जन्नत ही मिल गयी मुझे||
हर एक आहट तुम्हारे आने का देती है आभास|
पर जब दिखते नही तुम तो दिल हो जाता है उदास ||
हो कितना अच्छा गर तुम रोज़ दीदार करा दो अपना |
तुम्हारे लिए ही तो गंवाता है परवाना 'समय अपना||
जिस दिन नही दिखता तुम्हारा मधुवन सा चेहरा|
उस दिन मुझे दिन में भी दिखता है अँधेरा||
इस लिए आना कल जरुर अगर सच्चा है प्यार मेरा||

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