यह तुम्हारा सवाल कैसा है,
पूछते तो की हाल कैसा है|
उस पल थी क्यूँ तेरी सोच गुम,
अब तुझ को मलाल कैसा है|
उलझे से हैं हम जाने कहाँ,
ये रोज़-ए-विसाल कैसा है|
मेरे दिल में तो इश्क जिन्दा है,
तेरे दिल में ख्याल कैसा है|
कहते थे जाओ मेरी बला से तुम,
अब ये अश्क-ए-शलाल कैसा है|
आज वो शर्मिंदा है देखो तो,
उस खुदा का कमाल कैसा है|
क्या वो है यहीं कहीं,
जख्मों में ये उबाल कैसा है|
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