जिंदगी तुने...


जिंदगी तुने लहू लेके,दिया कुछ भी नहीं
तेरे दामन में मेरे वास्ते क्या कुछ भी नही

मेरे इन हाथों की चाहो तो तलाशी लेलो
मेरे हाथों में लकीरों के सिवा कुछ भी नही

हमने देखा है कई ऐसे खुदाओं को यहाँ
सामने जिनके वो सचमुच का खुदा कुछ भी नहीं

या खुदा अबके ये किस रंग में आई है बहार
जर्द ही जर्द है पेड़ों पे हरा कुछ भी नहीं

दिल भी इक जिद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह
या तो सब कुछ ही इसे चाहिए,या कुछ भी नहीं|

No comments: